जापान की लेखन प्रणाली उल्लेखनीय और आकर्षक है। जापानी लेखन प्रणाली तीन अलग-अलग वर्णमालाओं का उपयोग करती है। यह कान्जी, काना और रोमाजी हैं।
कान्जी वर्णमाला सबसे पुरानी और सबसे अधिक विस्तृत है। यह वर्णमाला चीन से आयी है और समय के साथ जापानी भाषा के साथ संयुक्त हुई। कान्जी वर्णमाला शब्दों को लिखने के लिए बनाई गई है। यह वर्णमाला 1,945 प्रतीकों से बनी हुई है जो भाषा के साथ-साथ संस्कृति के भी ख़ास महत्वपूर्ण हैं। एक शब्द कान्जी वर्णमाला में एक के बदले एक या एक से अधिक प्रतीकों से लिखा जाता है।
काना वर्णमाला मुख्य रूप से जापान की तीन मुख्य लिपियों में से है। यह स्वरों को लिखने के लिए बनाई गई है। इस लिपि का उपयोग मुख्य रूप से संवाद के लिए होता है। उन लोगों के लिए इस लिपि का उपयोग फायदेमंद होता है जो अभी तक जापानी भाषा का अभ्यास नहीं कर पाए हैं।
रोमाजी वर्णमाला लैटिन वर्णमाला की तरह है। यह वर्णमाला जापान में अंग्रेजी और अन्य पश्चिमी भाषाओं की संवाद के लिए होती है। जब लोग विदेशी भाषाओं में लिखते हैं तो उन्हें रोमाजी वर्णमाला का उपयोग करना चाहिए।
जापानी लेखन प्रणाली एक समृद्ध विरासत है। इसमें न सिर्फ बहुत सारी सांस्कृतिक गहराई होती है, बल्कि इसमें काफी सुंदरता भी होती है। इस प्रणाली जापानी भाषा की लापरवाही नहीं करती है और सुनिश्चित करती है कि वाक्य और शब्द एक समझदार और ज्ञानी समाज के लिए बनाये जाते हैं।